कैसे हो तुम दिल हमारे करते नहीं कुछ काम, दिमाग की क्यों सुनते नहीं कर भी लो कुछ काम। बोल बोल कर थक गया भेजा समझाये तुम्हें अब कैसे, छोडी तरफदारी तेरी, तुम तो हो कामचोर साले... केहता है दिमाग आयीं है परीक्षा की घड़ी, लेकिन तुम्हें कीस बात की है पडी, अपनीही धुन में तुम गाते हो, गीत वो बेफिक्री के दिमाग को सुनाते हो, शरीर भी तुमसे झगड़ने लगा था, तुम्हारी बेपरवाहीयां देख वो भी रो पड़ा था। तुरंत दिमागने आदेश दिया... पेश करो दिल को मेरे आगे वो नादान आया अपनीही मस्तीमें, दिमाग बोला तुम्हें हम काबू में रखेंगे, जंजीरों में जकड़ लेंगे... दिल बोला :-जनाब आप करलो चाहे सितम हजार, खत्म ना होगा ये कामचोर मिजाझ, बांधना हो गर मुठ्ठी में मुझे तो मेहकाओ खुशी के पल चार, तब कर जाऊंगा हर काम।
Thursday, February 8, 2018
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जब दो बूढ़े जवान होते हैं।
 जब दो बूढे़ जवान होते हैं। जब वो कपकपाते हाथ एक-दूसरे के करीब आते हैं, जब दो साथी खोयी राह के खोज में निकलते हैं, जिंदगी का असली मजा जब व...
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फरियाद ना किसीने लिखी है , ना ही तमंचा कसा है किसी पे, फिक्र नहीं है खुद की और ना ही थी रकीबोंकी, रुक्सत किया है फिजाओं में सभी को , ना ही ...
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शाम भी नशेमे झुम उठी, मदहोश हो गया था वो मौसम, फना हुए थे कई चेहरे, तो थम रही थी कही धड़कनें । जिक्र उसका कुछ इस कदर हुआ, मुस्कुराहट थी...