Friday, November 3, 2017

लफ्ज कुछ दिल से।

फरियाद ना किसीने लिखी है , ना ही तमंचा कसा है किसी पे, फिक्र नहीं है खुद की और ना ही थी रकीबोंकी, रुक्सत किया है फिजाओं में सभी को , ना ही दिदार की तलाश है और कोई तमन्ना इन आँखोंकी...

वेद 🍁 

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जब दो बूढ़े जवान होते हैं।

 जब दो बूढे़ जवान होते हैं। जब वो कपकपाते हाथ एक-दूसरे के करीब आते हैं, जब दो साथी खोयी राह के खोज में निकलते हैं, जिंदगी का असली मजा जब व...